सत्येंद्र कुमार जैन दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के राजनेता हैं। वह अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के सात कैबिनेट मंत्रियों में से एक हैं।
सत्यदार जैन का जन्म ग्राम किरथल, जिला बागपत, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा रामजस स्कूल, नंबर 2, दिल्ली से की और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स से आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन पूरा किया।
जैन अपने परिवार के साथ उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सरस्वती विहार में रहते थे और अब सिविल लाइंस में एक सरकारी बंगले में रहते हैं। उनके पिता एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे, जो उत्तर प्रदेश राज्य में बागपत तहसील में अपने गृहनगर किरथल से जैन के जन्म के बाद दिल्ली चले गए थे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन में शामिल होने के बाद जैन ने राजनीति में अपना कदम रखा।
राजनीति में शामिल होने से पहले जैन ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) में काम किया, बाद में एक आर्किटेक्चरल कंसल्टेंसी फर्म की स्थापना के लिए नौकरी छोड़ दी। जैन समाज कल्याण संगठनों के साथ काम में भी शामिल रहे हैं; वह दृष्टिबाधित लोगों की मदद करने के लिए काम करने वाली संस्था दृष्टि और शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांगों के सशक्तिकरण और कल्याण के लिए समर्पित संगठन स्पर्श के साथ जुड़े रहे हैं। उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उद्योग, गृह, पीडब्ल्यूडी, बिजली, जल, शहरी विकास और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के रूप में कार्य किया। वह वर्तमान में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल में हैं। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने 28 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014 तक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, गुरुद्वारा चुनाव और उद्योग मंत्री के रूप में कार्य किया और अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उद्योग, गृह, पीडब्ल्यूडी, बिजली, जल, परिवहन के रूप में कार्य किया। , शहरी विकास और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण 14 फरवरी से 13 फरवरी 2020 तक। वह हाल ही में विधानसभा चुनाव में शकूर बस्ती विधानसभा क्षेत्र से फिर से चुने गए और वर्तमान में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उद्योग, गृह मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। , पीडब्ल्यूडी, बिजली, पानी, शहरी विकास और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार।
जैन ने शकूर बस्ती विधानसभा से लगातार तीसरी बार 7,592 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
उन्हें अरविंद केजरीवाल का करीबी भी कहा जाता है।
उनके पोर्टफोलियो में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उद्योग, गृह, बिजली, जल, शहरी विकास और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण शामिल हैं। वह वर्तमान में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल में हैं। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने 28 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014 तक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, गुरुद्वारा चुनाव और उद्योग मंत्री के रूप में कार्य किया और अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, उद्योग, गृह, पीडब्ल्यूडी, बिजली, जल, परिवहन के रूप में कार्य किया। , पिछली आप सरकारों में 14 फरवरी से 13 फरवरी 2020 तक शहरी विकास और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण। जैन पेशे से आर्किटेक्ट हैं। 2022 में प्रवर्तन विभाग ने लगभग 4.5 करोड़ की संपत्ति कुर्क की।
अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबी माने जाने वाले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को हवाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।
ईडी की इस कार्रवाई से दिल्ली की aap केजरीवाल सरकार का बड़ा झटका लगा है। उनपर फर्जी कंपनियों के जरिए लेन-देन करने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक जैन को पहले हिरासत में लिया गया था। ईडी ने पहले उनसे पूछताछ की और फिर गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि सत्येंद्र जैन केजरीवाल सरकार का प्रमुख चेहरा हैं। हाल ही में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करते हुए उनके परिवार से जुड़ी संपत्ति कुर्क की थी। जांच एजेंसी ने उनसे संबंधित यह संपत्ति अकिंचन डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इन्फोसॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड. मंगलायतन प्रोजेक्ट्स, जेजे आइडियल एस्टेट, और जैन के परिवार के सदस्य स्वाति जैन, सुशीला जैन और इंदु जैन से अटैच की।
दिल्ली के AAP पार्टी के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन गिरफ्तार:ED हवाला-करप्शन मामले की जांच कर रही थी, 2 महीने पहले जैन की सम्पति कुर्क हुई थी
दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन को इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट यानी ED ने गिरफ्तार कर लिया है। करप्शन और हवाला मामले में जैन के खिलाफ जांच चल रही थी। यह मामला कोलकाता की कंपनी से जुड़ा बताया जा रहा है। सत्येंद्र को अरविंद केजरीवाल का करीबी माना जाता है।
दो महीने पहले सीबीआई की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) में दर्ज एफआईआर के बाद जैन के परिवार और फर्मों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था। सीबीआई ने अगस्त 2017 में केस दर्ज किया था। बाद में ये केस ED को ट्रांसफर कर दिया गया था।
जैन के शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए मिले थे
ED के मुताबिक जांच में पाया गया था कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के जरिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। ED की रिपोर्ट के मुताबिक इस रकम का इस्तेमाल जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद को लिए गए कर्ज की अदायगी के लिए किया गया था।
डॉ. ऋषि राज के साथ भी जैन का नाम आया था
दिल्ली डेंटल काउंसलिंग के रजिस्ट्रार डॉ. ऋषि राज के घर पर पड़े सीबीआई छापे में सत्येंद्र जैन और उनकी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज और दो करोड़ रुपए की बैंक डिपॉजिट स्लिप मिली थी। इससे पता चला था कि 2011 में जैन की कंपनियों के नाम पर दो करोड़ रुपए जमा कराए गए थे। इसके अलावा जैन के नाम पर दिल्ली के कराला गांव में 12 बीघा और 10 बीघा जमीन के बैनामा के साथ 15 बीघा जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी भी मिली थी।
प्रसिद्ध कलाकार हिन्दी कवि कुमार विश्वास ने साधा निशाना
जैन की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास ने तंज कसते हुए ट्विटर पर लिखा, 'यह केस जब पहली बार आया था तो मैंने भरी PAC में सत्येंद्र जैन से जवाब माँगा था।बौने ने उसे सपत्नीक मेरे सामने रोने-धोने के लिए बिठाया।मैंने कहा निजी सम्बन्ध अपनी जगह पर इसका जवाब दो,तो आजकल पंजाब का वसूली-प्रमुख बना नया “चिंटू” काग़ज़ फैलाकर बोला “सर मैं CA हूँ, कोई गड़बड़ नहीं है”
अप्रैल में ईडी ने कहा था, पता चला है कि जब सत्येंद्र जैन एक सरकारी अधिकारी थे तब इन कंपनियों के जरिए हवाला रूट से पैसा भेजा गया। इस पैसे का इस्तेमाल दिल्ली में और आसपास जमीन खरीदने में किया गया। दिसंबर 2018 में ही ईडी ने इस मामले में चार्जशीट फाइल कर दी थी। इस साल जनवरी में आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा बदले की भावना से सत्येंद्र जैन कोगिरफ्तार करवा सकती है।
दो महीने पहले सीबीआई की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) में दर्ज एफआईआर के बाद जैन के परिवार और फर्मों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था। सीबीआई ने अगस्त 2017 में केस दर्ज किया था। बाद में ये केस ED को ट्रांसफर कर दिया गया था।
शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए मिले थे
ED के मुताबिक जांच में पाया गया था कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के जरिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। ED की रिपोर्ट के मुताबिक इस रकम का इस्तेमाल जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद को लिए गए कर्ज की अदायगी के लिए किया गया था।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें