सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मई, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

केजरीवाल के मंत्री Satyendra Jain का घोटाला ED ने पकड़ा Delhi के मुस्लिम ने खोली पोल प्रॉपर्टी जब्त

सत्येंद्र कुमार जैन दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के राजनेता हैं। वह अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के सात कैबिनेट मंत्रियों में से एक हैं।  सत्यदार जैन का जन्म ग्राम किरथल, जिला बागपत, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा रामजस स्कूल, नंबर 2, दिल्ली से की और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स से आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन पूरा किया।  जैन अपने परिवार के साथ उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सरस्वती विहार में रहते थे और अब सिविल लाइंस में एक सरकारी बंगले में रहते हैं। उनके पिता एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे, जो उत्तर प्रदेश राज्य में बागपत तहसील में अपने गृहनगर किरथल से जैन के जन्म के बाद दिल्ली चले गए थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन में शामिल होने के बाद जैन ने राजनीति में अपना कदम रखा।  राजनीति में शामिल होने से पहले जैन ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) में काम किया, बाद में एक आर्किटेक्चरल कंसल्टेंसी फर्म की स्थापना के लिए नौकरी छोड़ दी।  जैन समाज कल्याण संगठनों के साथ काम में भी शामिल रहे हैं; वह दृष्टिबाधित लोगों की मदद क

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के दोषियों ने किया सरेंडर

   हम आपको बताते हैं कौन हैं सिद्धू मूसेवाला 17 जून 1993 को जन्मे शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला मनसा जिले के मूस वाला गांव के रहने वाले थे. मूसेवाला के लाखों में फैन फॉलोइंग हैं और वह अपने गैंगस्टर रैप के लिए फेमस थे. मूसेवाला के पिता भोला सिंह पूर्व सेनाधिकारी तो मां चरन कौर गांव की सरपंच हैं. उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है. उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में संगीत सीखा और बाद में कनाडा चले गए.  फेमस पंजाबी गानों से बनाई पहचान सिद्धू मूसेवाला को सबसे विवादास्पद में एक पंजाबी गायकों के तौर पर भी जाना गया. आरोप लगा था कि मूसेवाला ने खुलेआम गन कल्चर को बढ़ावा दिया है. सितंबर 2019 में रिलीज हुए उनके सॉन्ग 'जट्टी जियोने मोड़ दी बंदूक वारगी' ने 18वीं शताब्दी के सिख योद्धा माई भागो के संबंध में विवाद खड़ा कर दिया था. मूसेवाला ने बाद में माफी मांग ली थी. शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूस वाला मनसा जिले के मूस वाला गांव के रहने वाले थे. मूसे वाला के लाखों में फैन फॉलोइंग हैं और वह अपने गैंगस्टर रैप के लिए लोकप्रिय थे. विवादों से भी इनका काफी गहरा नाता

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के दोषियों ने किया सरेंडर

 हम आपको बताते हैं कौन हैं सिद्धू मूसेवाला 17 जून 1993 को जन्मे शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला मनसा जिले के मूस वाला गांव के रहने वाले थे. मूसेवाला के लाखों में फैन फॉलोइंग हैं और वह अपने गैंगस्टर रैप के लिए फेमस थे. मूसेवाला के पिता भोला सिंह पूर्व सेनाधिकारी तो मां चरन कौर गांव की सरपंच हैं. उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है. उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में संगीत सीखा और बाद में कनाडा चले गए.  फेमस पंजाबी गानों से बनाई पहचान सिद्धू मूसेवाला को सबसे विवादास्पद में एक पंजाबी गायकों के तौर पर भी जाना गया. आरोप लगा था कि मूसेवाला ने खुलेआम गन कल्चर को बढ़ावा दिया है. सितंबर 2019 में रिलीज हुए उनके सॉन्ग 'जट्टी जियोने मोड़ दी बंदूक वारगी' ने 18वीं शताब्दी के सिख योद्धा माई भागो के संबंध में विवाद खड़ा कर दिया था. मूसेवाला ने बाद में माफी मांग ली थी. शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूस वाला मनसा जिले के मूस वाला गांव के रहने वाले थे. मूसे वाला के लाखों में फैन फॉलोइंग हैं और वह अपने गैंगस्टर रैप के लिए लोकप्रिय थे. विवादों से भी इनका काफी गहरा नाता रह

Gyanvapi Mosque: तहखाने की दीवार का सच! | ज्ञानवापी मस्जिद का सच सामने लाये स्वयं शम्भु

  आज हम बताते हैं आपको मशहूर ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में, जिसे कभी कभी आलमगीर मस्जिद भी कहा जाता है, वाराणसी मे स्थित एक मस्जिद है। यह मस्जिद, काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ लगी हुई है। ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर का विवाद कुछ-कुछ अयोध्या मामले की तरह ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि अयोध्या के मामले में मस्जिद बनी थी जबकि वाराणसी में मंदिर-मस्जिद दोनों ही बने हुए हैं। काशी विवाद में हिंदू पक्ष का कहना है कि 1669 में औरंगजेब ने यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी। वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यहां मंदिर कभी था ही नहीं बल्कि वहां शुरुआत से ही मस्जिद थी। 1669 मे मुग़ल आक्रमणकारी औरंगजेब ने प्राचीन विश्वेश्वर मंदिर को तोड़ कर यह ज्ञानवापी मस्जिद बना दी। ज्ञानवापी एक संस्कृत शब्द है इसका अर्थ है ज्ञान का कुआं। 1991 से इस मस्जिद को हटाकर मंदिर बनाने की कानूनी लड़ाई चल रही है। पर 2022 मे सर्वे होने बाद ये ज्यादा चर्चों मे है। दावा किया जा रहा की मस्जिद के वाजुखाने मे 12.8 व्यास का शिवलिंग प्राप्त हुआ है जिसे आक्रमण से बचाने के लिए तत्कालीन मुख्य पुजारी ने ज्ञानवापी कूप मे छुपा दिया था।